सरदारशहर एक्सप्रेस 23 जून 2023। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव से पहले उम्रदराज नेताओं के चुनावी मैदान से हटने के मुद्दे पर नेताओं के बीच खुलकर मतभेद सामने आ गए हैं। कांग्रेस नेता दो खेमों में बंट गए हैं। सचिन पायलट खेमे के एक मंत्री और विधायक ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी है। उधर, सीएम अशोक गहलोत खेमे के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने चुनाव से हटने से इनकार कर दिया है। कुछ बुजुर्ग नेता अपने बेटे-बेटियों को टिकट देने की शर्त लगा रहे हैं। पायलट समर्थक विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर दीपेंद्र सिंह शेखावत ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। शेखावत ने कहा- अब मैं तीन चार महीने का एमएलए हूं, उसके बाद आचार संहिता लग जाएगी। हेल्थ को देखते हुए मैंने यह फैसला किया है कि मैं अगला विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा। समर्थक दोबारा जीताने का प्रचार कर रहे थे, लेकिन जब चुनाव में खड़ा ही नहीं होना है। तो कैसे जीता देंगे। दीपेंद्र सिंह शेखावत पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। दीपेंद्र सिंह शेखावत ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। बीडी कल्ला अब भी चुनाव लड़ना चाहते हैं।

मंत्री कल्ला बोले- मैं तो चुनाव लड़ूंगा, मैं विनिंग कैंडिडेट हूं

 उम्रदराज नेताओं के चुनाव नहीं लड़ने के मुद्दे पर शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा- कोई तैयार होगा तो सीट छोड़ देंगे, लेकिन अभी कोई तैयार ही नहीं हुआ, उसे तैयार करना पड़ेगा। मेरे सामने तो बीजेपी से लड़ने वाला ही उम्मीदवार नहीं है, मैदान बिल्कुल साफ है। मैं तो चुनाव लडूंगा, मैं विनिंग कैंडिडेट हूं। काम कर रहा हूं आपके सामने। नौजवान कोई तैयार नहीं हुआ है, कोई तैयार होगा तो मैदान छोड़ देंगे।

कुनर बोले- मैं मन से चुनाव नहीं लड़ना चाहता, बेटे को टिकट दे दे तो मेरी जान छूटे

श्रीकरणपुर से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री गुरमीत सिंह कुनर ने कहा- जो मंत्री बने हैं उन्हें रोते देखते हैं रोज। मैं तो कहता हूं अच्छा हुआ मैं खुद मंत्री नहीं बना। केवल एमएलए हैं तो सुखी हैं। मैं भी कह कर आया हूं, बेटे को टिकट दे दे तो मेरी जान छूटे। वह काम करने लायक है। मैं मेरे मन से नहीं लड़ना चाहता। कुनर ने कहा- मेरे क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले तो बहुत थे, लेकिन 25 साल में रगड़ते- रगड़ते घिस गए। 25 साल से वहां पर हमारे पास ही कांग्रेस का सिस्टम है और कोई बचा ही नहीं।

प्रभारी रंधावा ने बुजुर्ग नेताओं को खुद ही युवाओं के लिए जगह खाली करने का सुझाव दिया था।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पिछले दिनों कहा था कि बुजुर्ग नेताओं को तो खुद ही आगे बढ़कर युवाओं के लिए जगह खाली करके उदाहरण पेश करना चाहिए। कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने सीएम को सुझाव दिया था कि वे भी अपने बेटे को चुनाव में आगे करके जगह खाली करें तो माहौल बदल जाएगा।हेमाराम चौधरी भी इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरने का ऐलान कर चुके हैं। जबकि गुरमीत सिंह ने चुनावी मैदान छोड़ने से पहले बेटे के लिए टिकट की सिफारिश कर दी है।

मंत्री हेमाराम, विधायक भरत सिंह, अमीन खान भी चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर चुके

वन मंत्री हेमाराम चौधरी, सांगोद से कांग्रेस विधायक भरत सिंह और शिव से कांग्रेस विधायक अमीन खान अगला चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। तीनों ही नेताओं ने चुनावी मैदान से हटने के पीछे युवाओं को आगे बढ़ाने का तर्क दिया है। हेमाराम चौधरी कई बार घोषणा कर चुके हैं कि वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। भरत सिंह और अमीन खान भी सार्वजनिक मंचों पर कई बार युवाओं को आगे बढ़ाने की पैरवी करते हुए अगला चुनाव नहीं लड़ने की बात कह चुके हैं। कांग्रेस में जिन नेताओं ने चुनाव मैदान से हटने की घोषणा की हैं, वे सब 75 पार हैं।

बुजुर्ग नेता बेटों को टिकट देने की शर्त पर चुनाव नहीं लड़ने को तैयार

कांग्रेस में ज्यादातर उम्रदराज नेता बेटे-बेटियों को टिकट देने की शर्त पर चुनाव नहीं लड़ने को तैयार हैं। ज्यादातर नेताओं के बेटे-बेटियां या दूसरे परिजन पहले से राजनीति में सक्रिय हैं। मंत्री हेमाराम चौधरी की बेटी टिकट की दावेदार हैं। दीपेंद्र सिंह शेखावत के बेटे बालेंदु सिंह शेखावत श्रीमाधाेपुर से टिकट के दावेदार हैं।