सरदारशहर एक्सप्रेस 13 जुलाई 2023। जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS) में दिल्ली एम्स की तर्ज पर अगल-अलग डिपार्टमेंट के लिए अलग-अलग विंग बनाई जा रही है। गेस्ट्रो, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी के लिए अलग विंग बनाने के बाद अब न्यूरोलॉजी और आंख से संबंधित मरीजों के लिए अलग से न्यूरो-ऑप्थो टॉवर बनाने की प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए पिछले दिनों एसएमएस मेडिकल कॉलेज की ओर से प्रस्ताव बनाकर सरकार को भिजवाया है प्रस्ताव के मुताबिक ये बिल्डिंग नर्सिंग हॉस्टल वाली बिल्डिंग की जगह बनाना प्रस्तावित किया है। यहां हॉस्टल की जगह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाकर उसी में एक हिस्से में हॉस्टल, जबकि दूसरे हिस्से में न्यूरो-ऑप्थाे सेंटर बनाने के लिए कहा है। इस प्ूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 300 करोड़ रुपए आने का अनुमान है। अस्पताल से जुड़े प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक सवाई मानसिंह हॉस्पिटल पर मरीजों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका सारा असर मैन बिल्डिंग पर आ रहा है। ये बिल्डिंग 70 साल से ज्यादा पुरानी है और इसमें जगह कम होने के कारण परेशानी बढ़ रही है। इसलिए दिल्ली एम्स की तर्ज पर अब अलग-अलग ब्लॉक्स बनाकर अलग-अलग डिपार्टमेंट की यूनिट तैयार करने पर काम हो रहा है। ताकि मरीजों की भीड़ को एक जगह होने से रोका जा सके। अभी धन्वन्तरी ब्लॉक में कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, एंडोक्राइन, ईएनटी डिपार्टमेंट की ओपीडी चल रही है और इनसे जुड़ी आईपीडी भी मुख्य बिल्डिंग में संचालित है। जबकि आंखों और नाक, कान, गले के मरीजों की आईपीडी चरक भवन में है। वहीं इन मरीजों क ऑपरेशन करके उनको भर्ती किया जाता है। अभी इन डिपार्टमेँट की अलग विंग टोंक रोड पर ट्रोमा सेंटर के पास पिछले साल सुपर स्पेशियलिटी विंग की बिल्डिंग शुरू की गई। इसमें यूरोलॉजी, गेस्ट्रोलॉजी और नेफ्रोलॉजी के मरीजों की ओपीडी और आईपीडी की सुविधा शुरू की है। जबकि कार्डियोलॉजी के लिए अलग से विंग बनाने का काम चल रहा है। इसके आई और स्कीन के मरीजों के लिए चरक भवन अलग से संचालित है।