
🙏 आज का हिन्दू पंचांग 🙏
🐍 *जय श्री हरिराम बाबा की*�
सरदारशहर एक्सप्रेस। शुक्रवार के दिन आपको सफेद चीजें जैसे दूध, दही, कपूर या सफेद कपड़ों आदि का दान करना चाहिए। इससे आपके जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए आप शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा के बाद जरूरतमंदों को आटा दान कर सकते हैं।
🌤️ *दिनांक – 12 जनवरी 2024*
🌤️ *दिन – शुक्रवार*
🌤️ *विक्रम संवत – 2080*
🌤️ *शक संवत -1945*
🌤️ *अयन – दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु – शिशिर ॠतु*
🌤️ *मास – पौष*
🌤️ *पक्ष – शुक्ल*
🌤️ *तिथि – प्रतिपदा दोपहर 02:23 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र – उत्तराषाढा शाम 03:18 तक तत्पश्चात श्रवण*
🌤️ *योग – हर्षण दोपहर 02:05 तक तत्पश्चात वज्र*
🌤️ *राहुकाल – सुबह 11:22 से दोपहर 12:40 तक*
🌄 *अभिजित* -दोपहर12:19 – 13:01 शुभ
🌞 *सूर्योदय-07:27*
🌤️ *सूर्यास्त- 18:54*
🌞चोघडिया, दिन🌞
*चर 07:27 – 08:45 शुभ*
*लाभ 08:45 – 10:04 शुभ*
*अमृत 10:04 – 11:22 शुभ*
काल 11:22 – 12:40 अशुभ
*शुभ 12:40 – 13:59 शुभ*
रोग 13:59 – 15:17 अशुभ
उद्वेग 15:17 – 16:35 अशुभ
*चर 16:35 – 17:53 शुभ*
🌍लग्न🌍
धनु 07:27 – 07:40
मकर 07:40 – 09:22
कुम्भ 09:22 – 10:51
मीन 10:51 – 12:15
मेष 12:15 – 13:51
वृषभ 13:51 – 15:47
मिथुन 15:47 – 18:01
कर्क 18:01 – 20:21
सिंह 20:21 – 22:39
कन्या 22:39 – 24:54*
तुला 24:54* – 27:14*
वृश्चिक 27:14* – 29:32*
धनु 29:32* – 31:27*
👉 *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण- चंद्र दर्शन (शाम 06:00 से 06:54 तक) राष्ट्रीय युवा दिवस*
💥 *विशेष – प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌷 *सर्दी सहन न होने पर* 🌷
👉🏻 *कुछ लोगों को सर्दी सहन नहीं होती …थरथराते हैं, दांत आपस में टकराते हैं, हाथ कांपते हैं l*
👉🏻 *वे लोग कड़ाही में थोड़ा सा घी डालदें और फिर उसमे गुड़ गला दें l जितना गुड़ उतना सौंठ डालदें l थोड़े से घी में गला के सेंक दिया l एक-एक चम्मच खाने से सर्दी झेलने की ताकत आ जाएगी l सुबह शाम चाट लें l*
👉🏻 *राई पीसके शहद के साथ पैरों के तलवों में लगादें तो भी सर्दी में ठिठुरना बंद हो जायेगा l*
🌷 *मकर संक्रांति* 🌷
15जनवरी2024
🌞 *सूर्य की किरणों से रोग दूर करने की प्रशंसा ‘अथर्ववेद’ में भी आती है | कांड – १, सूक्त २२ के श्लोकों में सूर्य की किरणों का वर्णन आता है |*
*मैं १५-२० मिनट सूर्यस्नान करता हूँ | लेटे–लेटे सूर्यस्नान करना और भी हितकारी होता है लेकिन सूर्य की कोमल धूप हो, सूर्योदय से एक-डेढ़ घंटे के अंदर-अंदर सूर्यस्नान कर लें | इससे मांसपेशियाँ तंदुरस्त होती हैं, स्नायुओं का दौर्बल्य दूर होता है | सूर्यस्नान का यह प्रसाद मुझे अनुभव होता है | मुझे स्नायुओं में दौर्बल्य नहीं है | स्नायु की दुर्बलता, शरीर में दुर्बलता, थकान व कमजोरी हो तो प्रतिदिन सूर्यस्नान करना चाहिए |*
🌞 *सूर्यस्नान से त्वचा के रोग भी दूर होते हैं, हड्डियाँ मजबूत होती हैं | रक्त में कैल्शियम, फ़ॉस्फोरस व लोहें की मात्राएँ बढती हैं, ग्रंथियों के स्त्रोतों में संतुलन होता है | सूर्यकिरणों से खून का दौरा तेज, नियमित व नियंत्रित चलता है | लाल रक्त कोशिकाएँ जाग्रत होती हैं, रक्त की वृद्धि होती है | गठिया, लकवा और आर्थराइटिस के रोग में भी लाभ होता है | रोगाणुओं का नाश होता है, मस्तिष्क के रोग, आलस्य, प्रमाद, अवसाद, ईर्ष्या-द्वेष आदि शांत होते हैं | मन स्थिर होने में भी सूर्य की किरणों का योगदान है | नियमित सूर्यस्नान से मन पर नियंत्रण, हार्मोन्स पर नियंत्रण और त्वचा व स्नायुओं में क्षमता, सहनशीलता की वृद्धि होती है |*
🌞 *नियमित सूर्यस्नान से दाँतों के रोग दूर होने लगते हैं | विटामिन ‘डी’ की कमी से होनेवाले सूखा रोग, संक्रामक रोग आदि भी सूर्यकिरणों से भगाये जा सकते हैं |*
🌞 *अत: आप भी खाद्य अन्नों को व स्नान के पानी को धूप में रखों तथा सूर्यस्नान का खूब लाभ लो |*
*दृढ़ संकल्पवान व साधना में उन्नत होने का दिन*
🌞 *उत्तरायण यह देवताओं का ब्राम्हमुहूर्त है तथा लौकिक व अध्यात्म विद्याओं की सिद्धि का काल है | तो मकर संक्रांति के पूर्व की रात्रि में सोते समय भावना करना कि ‘पंचभौतिक शरीर पंचभूतों में, मन, बुद्धि व अहंकार प्रकृति में लीन करके मैं परमात्मा में शांत हो रहा हूँ | और जैसे उत्तरायण के पर्व के दिन भगवान सूर्य दक्षिण से मुख मोडकर उत्तर की तरफ जायेंगे, ऐसे ही हम नीचे के केन्द्रों से मुख मोडकर ध्यान-भजन और समता के सूर्य की तरफ बढ़ेंगे | ॐ शांति …. ॐ आनंद …. ‘*
🌞 *रात को ‘ॐ सूर्याय नम: |’ इस मंत्र का चिंतन करके सोओगे तो सुबह उठते-उठते सूर्यनारायण का भ्रूमध्य में ध्यान भी सहज में कर पाओगे | उससे बुद्धि का विकास होगा।