🙏 आज का हिन्दू पंचांग 🙏

शनिवार के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके सामने तेल का दीपक जला कर रखा जाता है। इसके अलावा शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान भी किया जाता है। शनिवार के दिन तेल का दान करना लाभकारी माना गया है लेकिन भूलकर भी इस दिन बाजार से सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए।

 

 🌤️ दिनांक – 06 जनवरी 2024

🌤️ दिन – शनिवार

🌤️ विक्रम संवत – 2080

🌤️ शक संवत -1945

🌤️ अयन – दक्षिणायन

🌤️ ऋतु – शिशिर ॠतु

🌤️ मास – पौष ( गुजरात और महाराष्ट्र अनुसार मार्गशीर्ष)

🌤️ पक्ष – कृष्ण

🌤️ तिथि – दशमी रात्रि 12:41 तक तत्पश्चात एकादशी

🌤️ नक्षत्र – स्वाती रात्रि 09:23 तक तत्पश्चात विशाखा

🌤️ योग – धृति 07 जनवरी प्रातः 06:10 तक तत्पश्चात शूल

🌤️ राहुकाल – सुबह 10:01 से सुबह 11:23 तक

🌞 सूर्योदय-07:18

🌤️ सूर्यास्त- 18:10

👉 दिशाशूल – पूर्व दिशा में

🚩 व्रत पर्व विवरण- 

💥 विशेष – ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)

 

💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)

 

💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)

 

             

 

🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷

➡️ *06 जनवरी 2024 शनिवार को रात्रि 12:42 से 07 जनवरी, रविवार को रात्रि 12:46 तक (यानि 07 जनवरी, रविवार को पूरा दिन) एकादशी है।*

💥 *विशेष – 07 जनवरी 2024 रविवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।*

 

🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

 

🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

 

🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

 

🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

 

🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

 

🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*