सरदारशहर एक्सप्रेस 4 जून 2023।  फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी के हथियार बनेंगे। इन प्लेटफाॅर्म पर भजनों में मोदी सरकार में हुए विकास कार्य गिनाए जाएंगे तो कॉमेडी के जरिए कांग्रेस सरकार की खामियां सामने लाई जाएंगी। इसके लिए भाजपा ने राजस्थान के बड़े सोशल मीडिया स्टार से हाथ मिलाया है। अनिल नागौरी, शांति चौधरी, गौतम पारीक ‘गोटी’,मीरा देवासी, नीधेश गोयल, गीता गोस्वामी और अंशु महाराज… ये ऐसे नाम हैं जो सोशल मीडिया पर अपनी धाक रखते हैं। इनमें कोई गायक कलाकार है तो कोई कॉमेडियन। इनमें कई नाम ऐसे हैं, जिनके सोशल मीडिया पर 10-10 लाख फॉलोअर्स हैं। भाजपा का प्लान है कि इन्हें अपने साथ जोड़कर इन्हें फॉलो करने वालों लाखों वोटर्स को अपने साथ जोड़ा जाए। अइमरजेंसी के अत्याचारों को फिल्म में दिखाएगी बीजेपी सोशल मीडिया स्टार्स बताएंगे कांग्रेस सरकार की खामियां, मोदी सरकार का करेंगे गुणगान पनी योजनाओं और मुद्दों की रीच को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाए। इसका फायदा पार्टी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में वोट बैंक बढ़ाने में मिलेगा। बीजेपी के सोशल मीडिया प्रदेश संयोजक डॉ. जोगेंद्र राजपुरोहित ने बताया- हाल ही प्रदेश के नामी 125 सोशल मीडिया स्टार्स के साथ बीजेपी ने जयपुर में बैठक की है। सोशल मीडिया के स्टेट कॉर्डिनेटर दिलीप सिंह राव ने बताया कि हमने सभी जिलों में 100-100 इन्फ्लुएंसर सिलेक्ट किए हैं, यानी पूरे प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा सोशल मीडिया स्टार्स। इनके साथ पार्टी के बड़े लीडर मीटिंग करेंगे।

सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं, कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी ने कई प्लान तैयार किए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

भाजपा ने हर जिले में 100 सोशल मीडिया स्टार से हाथ मिलाया है। इनके जरिए भाजपा करोड़ों वोटर्स तक पहुंचकर मोदी सरकार की उपलब्धियों और गहलोत सरकार की नाकामियों के बारे में बताएगी।

इमरजेंसी के अत्याचारों को फिल्म के जरिए दिखाएगी बीजेपी

25 जून को आपातकाल की बरसी है। इस दिन पूरे राजस्थान में बीजेपी इमरजेंसी में हुए अत्याचारों को फिल्म (डॉक्यूमेंट्री) के जरिए लोगों को दिखाएगी।

लोगों को रिकॉल कराएंगे कि कांग्रेस के शासन में लोगों पर किस तरह से अत्याचार हुए। हर जिले में यह कार्यक्रम खासकर उन लोगों के लिए आयोजित होंगे जिनका जन्म आपातकाल के बाद हुआ है। समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को भी इन आयोजनों में शामिल किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इमरजेंसी के दौरान राजस्थान में पूर्व CM भैरोसिंह शेखावत, स्वतंत्र पार्टी की सासंद गायत्री देवी, जयपुर राजघराने के पूर्व महाराजा भवानीसिंह, लोकदल के नेता दौलतराम सारण, तत्कालीन जनसंघ के नेता सतीशचंद अग्रवाल, जनसंघ के युवा नेता घनश्याम तिवाड़ी, गुलाबचंद कटारिया, कैलाश मेघवाल सहित सर्वोदयी नेता सिद्धराज ढड्डा कई दिनों तक जेलों में रहे थे।

आपातकाल पर दिखाई जाने वाली डॉक्यूमेंट्री का आइडिया क्यों आया? इस पर भाजपा के नेता बताते हैं कि मोदी सरकार पर कांग्रेस अक्सर आरोप लगाती रहती है कि अघोषित आपातकाल का दौर चल रहा है।

बीजेपी की यह तैयारी कांग्रेस के इसी आरोप का जवाब है। इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए बीजेपी ऐसे लोगों से भी संपर्क साध रही है जिन्होंने इमरजेंसी के दौर को नजदीक से देखा है।

केंद्रीय मंत्री और दूसरे राज्यों के बड़े नेता आएंगे राजस्थान

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने के लिए जून माह के लिए मेगा प्लान तैयार किया है। इसके तहत मोदी सरकार के कामों को हर घर तक पहुंचाने की तैयारी है।

मोदी सरकार के नौ साल के कामों का पूरा ब्योरा देकर बीजेपी ने अपने कई केंद्रीय मंत्रियों, दूसरे प्रदेश के असरदार नेताओं को राजस्थान में उतारा है।

जून के पूरे महीने में ये नेता लोकसभा से लेकर विधानसभा सीट तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराएंगे। साथ ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए प्रत्येक लोकसभा सीट पर बड़ी जनसभा की जाएगी।

पूरे जून माह में चलने वाले कार्यक्रमों के लिए हर लोकसभा सीट से लेकर विधानसभा सीट की अलग-अलग नेताओं की जिम्मेदारी तय की गई है।

राजस्थान को सात भागों में बांटा, 14 बड़े नेताओं को दी जिम्मेदारी

हाल ही बीजेपी ने कर्नाटक में सत्ता खोई है। वहां कांग्रेस के स्थानीय मुद्दों के आगे बीजेपी के राष्ट्रीय मुद्दे असर नहीं छोड़ पाए थे।

इसी से सबक लेकर बीजेपी अब राजस्थान के चुनावी मैदान में आम जन से जुड़े मुद्दों को आगे करके उतरेगी। यही कारण है कि भ्रष्टाचार, अस्थिर सरकार और महंगाई जैसे मुद्दों पर बीजेपी कांग्रेस को घेरेगी, वहीं केंद्र में मोदी सरकार के नौ साल में हुए कामों को लोगों के बीच लेकर जाएगी।

राजस्थान में पांच माह बाद होने वाले चुनावों को देखते हुए पार्टी ने लोगों से महाजनसंपर्क का प्लान तैयार किया है। इसके लिए बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूरे राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों को 7 कलस्टर में बांटा है।

प्रत्येक कलस्टर की दो केंद्रीय नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। इनके साथ राजस्थान के दो-दो बड़े नेताओं को जोड़ा गया है। एक माह तक होने वाले सभी बड़े कार्यक्रमों में ये नेता मौजूद रहेंगे।

हाल ही प्रदेश के नामी सोशल मीडिया स्टार्स के साथ बीजेपी ने जयपुर में बैठक की थी।

कलस्टर 1: अलवर, भरतपुर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण

अलवर, भरतपुर, जयपुर और जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में अभियान को गति देने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद पूनम महाजन को जिम्मा दिया गया है।

कलस्टर 2: बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर

इन तीनों लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा और राष्ट्रीय सचिव व राजस्थान की सह प्रभारी विजया राहटकर को दी गई है।

कलस्टर 3: बाड़मेर, बीकानेर, जालोर, जोधपुर

लोकसभा सीट बाड़मेर, बीकानेर, जालोर और जोधपुर की जिम्मेदारी किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर और मध्यप्रदेश की प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चितनिश को दी गई है।

कलस्टर 4 : अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, राजसमंद

लोकसभा सीट अजमेर, भीलवाड़ा, पाली और राजसमंद का एक कलस्टर बनाया गया है। इन चाराें सीटों की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महामंत्री व राजस्थान भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह और उत्तराखंड भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मदन कौशिक को दी गई है।

कलस्टर 5: चूरू, श्रीगंगानगर, झुंझुनूं, सीकर

इन चार लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर को दी गई है।

कलस्टर 6 : झालावाड़-बारां, कोटा, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे और हरियाणा से राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा को झालावाड़-बारां, कोटा, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट की जिम्मेदारी दी गई है।

कलस्टर 7: नागौर, दौसा

नागौर और दौसा लोकसभा सीट की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और हिमाचल प्रदेश के ऊना से विधायक सत्तपाल सत्ती को दी गई है।

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी अजमेर आए। आठ महीने में प्रधानमंत्री का ये छठा राजस्थान दौरा था।

वोटर कनेक्ट के लिए क्या-क्या करेगी बीजेपी

लोकसभा स्तर पर बड़ी सभा : सभी लोकसभा सीटों पर बड़ी जनसभा होगी। केंद्र से जिन नेताओं को लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी दी गई है, उनकी मौजूदगी में ये सभाएं होंगी। साथ ही मोदी सरकार की ओर से उस संसदीय क्षेत्र में हुए विकास के कामों को चर्चा में लाने के लिए ‘विकास तीर्थ’ के नाम से प्रोजेक्ट वाले स्थानों पर कार्यक्रम होंगे। सेंट्रल लीडरशिप ने नेताओं को निर्देश दिए हैं कि विकास तीर्थ के कार्यक्रमों में लोकसभा सीट वार जिनको जिम्मेदारी दी गई है उनको, वहां के सांसद और उस क्षेत्र के सभी विधायकों को वहां मौजूद रहना होगा।

जिला स्तर पर प्रबुद्धजन सम्मेलन : सभी जिलों में प्रबुद्धजन सम्मेलन होंगे। इन सम्मेलनों में डॉक्टर, वकील, लेखक, शिक्षाविद, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, इंजीनियर, उत्कृष्ट खिलाड़ी, समाजसेवी, सेवानिवृत्त अधिकारी, शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधक सहित प्रबुद्धजनों को एक साथ लाकर सम्मेलन किए जाएंगे। बीजेपी का मानना है कि इन सम्मेलनों के जरिए प्रबुद्धजनों के मार्फत आम लोगों तक उसे नीतियों और मोदी सरकार के कामों की माउथ पब्लिसिटी का लाभ होगा।

विधानसभा क्षेत्रों में व्यापारी सम्मेलन : व्यापारी वर्ग तक अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी व्यपारियों के सम्मेलन करेगी। इन सम्मेलनों के जरिए व्यापार और उद्योग जगत के लिए केंद्र सरकार की ओर से किए गए कामों का लेखा-जोखा रखकर बीजेपी की कोशिश होगी कि वह आम व्यापारी वर्ग को लुभा सके। इसके साथ ही सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी अपने सभी सात मोर्चों के संयुक्त सम्मेलन करेगी। इन मोर्चों में महिला, एससी, एसटी, युवा, ओबीसी, किसान और अल्पसंख्यक मोर्चा शामिल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर पहुंचे तो उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी भी थे। तिवाड़ी के मोदी के साथ होने के भी कई सियासी मतलब निकाले जा रहे हैं।

हर मंडल पर 22 जून तक चलेंगे लाभार्थी सम्मेलन

भाजपा 1100 से अधिक मंडलों में 22 जून तक लाभार्थी सम्मेलन करेगी। इन सम्मेलनों में उन लोगों को बुलाया जाएगा जिनको केंद्र की योजनाओं का लाभ मिला है। हर मंडल में सभाओं से बीजेपी माहौल बनाएगी कि मोदी सरकार में आम आदमी का जीवन स्तर सुधरा है।

23 जून को 51 हजार बूथों पर एक साथ मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंस

23 जून को बीजेपी के संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर प्रदेश के सभी 51 हजार बूथों पर प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यकर्ताओं से बात करेंगे। इस कार्यक्रम में जरिए बीजेपी प्रदेश भर के बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए एक्टिव करेगी।

25 से 30 जून तक महाजनसंपर्क

25 से 30 जून तक बीजेपी के सभी बड़े नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता मोदी सरकार के कामों का ब्योरा हर घर तक पहुंचाएंगे। इन 6 दिनों में बीजेपी की कोशिश रहेगी कि प्रदेश का कोई भी घर ऐसा नहीं छूटे, जिसमें मोदी सरकार की उपलब्धियों की प्रचार सामग्री (पंपलेट, कैलेंडर आदि) नहीं पहुंची हो।

बीजेपी कार्यकर्ता जिस घर से संपर्क करेंगे वहां से पार्टी की ओर से जारी किए विशेष मोबाइल नंबर पर मिस्ड कॉल कराएंगे। इसके जरिए बीजेपी अपने समर्थकों का डेटा जुटाएगी।

संपर्क से समर्थन : हर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने 50 प्रभावशाली लोगों का चयन किया है। ये ऐसे लोग हैं जो अपने क्षेत्र में प्रभाव रखते हैं, लेकिन बीजेपी से जुड़े हुए नहीं हैं।

इनसे बड़े नेता संपर्क करेंगे और पार्टी से जोड़ने की कोशिश करेंगे। इस अभियान काे बीजेपी ने ‘संपर्क से समर्थन’ नाम