🌞 *वैदिक पञ्चाङ्ग🌞*

🐍 *जय श्री हरिराम बाबा की🐍*

सरदारशहर एक्सप्रेस। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सुबह नहाने के बाद सफ़ेद, हरे, पीले, लाल, और आसमानी रंग के वस्त्र पहनकर ही पूजा करें. जिन लोगों को मेंटल स्ट्रेस या किसी भी तरह की परेशानी रहती है, उन्हें सोमवार के दिन सफ़ेद वस्तुओं का दान करना चाहिए

🌤️22 जनवरी 2024

    द्वादशी, शुक्ल पक्ष, पौष

🌤️तिथि द्वादशी 19:51:04

🌤️पक्ष शुक्ल

🌤️नक्षत्र मृगशीर्षा 28:57:16

🌤️योग ब्रह्म 08:45:00

🌤️करण बव 07:35:49

🌤️करण बालव 19:51:04

🌤️वार सोमवार

🌤️माह (अमावस्यांत) पौष

🌤️माह (पूर्णिमांत) पौष

🌤️चन्द्र राशि वृषभ till 16:21:27

🌤️चन्द्र राशि मिथुन from 16:21:27

🌤️सूर्य राशि मकर

🌤️ऋतु शिशिर

🌤️आयन उत्तरायण

🌤️संवत्सर शोभकृत

🌤️संवत्सर (उत्तर) पिंगल

🌤️विक्रम संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️शक संवत 1945 शक संवत

🌤️कलि संवत 5124 कलि संवत

🌞सूर्योदय 07:25:40

🌄 सूर्यास्त 18:01:36

👉🏻दिशाशूल पूर्व दिशा

  सूर्योदय लग्न मकर 7°20′ , 277°20′

  🌞सूर्य नक्षत्र उत्तराषाढा

🌙 चन्द्र नक्षत्र मृगशीर्षा

            पद, चरण

1 वे मृगशीर्षा 10:05:37

2 वो मृगशीर्षा 16:21:27

3 का मृगशीर्षा 22:38:40

4 की मृगशीर्षा 28:57:16

 

                   🌍मुहूर्त

राहू काल 08:45 – 10:05 अशुभ

यम घंटा 11:24 – 12:44 अशुभ

गुली काल 14:03 – 15:23

अभिजित 12:22 – 13:05 शुभ

दूर मुहूर्त 13:05 – 13:47 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:12 – 15:54 अशुभ

वर्ज्यम 09:41 – 11:21 अशुभ

               ☄️लग्न

  मकर 07:26 – 08:43

  कुम्भ 08:43 – 10:11

  मीन 10:11 – 11:36

  मेष 11:36 – 13:11

  वृषभ 13:11 – 15:07

  मिथुन 15:07 – 17:22

  कर्क 17:22 – 19:42

  सिंह 19:42 – 21:59

  कन्या 21:59 – 24:15

  तुला 24:15 – 26:35

  वृश्चिक 26:35 – 28:53

  धनु 28:53 – 30:57

  मकर 30:57 – 31:25

             ☄️चौघड़िया🌄

 अमृत 07:26 – 08:45 शुभ

काल 08:45 – 10:05 अशुभ

शुभ 10:05 – 11:24 शुभ

रोग 11:24 – 12:44 अशुभ

उद्वेग 12:44 – 14:03 अशुभ

चर 14:03 – 15:23 शुभ

लाभ 15:23 – 16:42 शुभ

अमृत 16:42 – 18:02 शुभ

 

रोगों के नाम हिन्दी एवं इंग्लिश में रोगों के नाम संस्कृत में

कैंसर (Cancer) विद्रधि:

निमोनिया (Pneumonia) प्रलापकज्वर:

टाइफाइड (Typhoid) मन्थरज्वर:

खांसी (Cough) कासः

जुखाम (Cold) प्रतिश्याय:

मलेरिया बुखार (Malarial Fever) विषमज्वर:

पीलिया (Jaundice) पाण्डु:

कब्ज (Constipation) अजीर्णम्

ब्लेडप्रेशर (Blood Pressure) रक्तचाप

बवासीर (Hemorrhoid) अर्श:

चेचक (Chicken Pox) शीतला

फुंसी (Pimple) पिटिका

पेचिश, संग्रहणी (Dysentery) प्रवाहिका

हैजा (Cholera) विषूचिका

दस्त (Diarrhea) अतिसारः

लकवा (Paralysis) पक्षाघातः

फोड़ा (Abscess) पिटक:

टी० बी० (Tb) राजयक्ष्मा

फ़्लू, इन्फ्लूएंजा (Flu, Influenza) शीतज्वर:

 

👉🏻हिंदू पंचांग की बारहवीं तिथि को द्वादशी कहते हैं. यह तिथि महीने में दो बार आती है. पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद. 

 द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु की तिथि माना जाता है. 

 इस दिन भगवान विष्णु के 12 नामों से पूजा करनी चाहिए. साथ ही, ब्राह्मण भोजन या ज़रूरतमंद लोगों को अन्न दान करना चाहिए. ऐसा करने से हर तरह के दोष खत्म हो जाते हैं और कभी न खत्म होने वाला पुण्य मिलता है. 

द्वादशी तिथि पर संतान की उन्नति, सुरक्षा और सुख-शांति के लिए माताएं व्रत रखती हैं. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस तिथि पर भगवान विष्णु के पांचवें अवतार वामनदेव धरती पर अवतरित हुए थे. इस दिन भगवान विष्णु के पूजन और ब्राह्मणों को दान करने का विधान है. 

द्वादशी तिथि पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने और बारह नाम बोलते हुए सूर्य को प्रणाम करने से दोष खत्म होते हैं. बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है. 

द्वादशी तिथि विवाह और शुभ कार्यों के लिए अच्छी मानी जाती है. इस दिन नए घर का निर्माण और यात्रा की योजना से बचना चाहिए