🙏🏻 *वैदिक पंचांग*🙏🏻

🐍 *जय श्री हरिराम बाबा की*🐍

 

सरदारशहर एक्सप्रेस। पौष पूर्णिमा पर बन रहे गुरु पुष्य योग को बहुत शुभ फलदायी योग माना गया है। इस दिन राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और सुबह शाम ‘ॐ रामचन्द्राय नम:’ मंत्र का तुलसी की माला से 108 बार जप करना चाहिए। ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है और भगवान राम के साथ हनुमानजी की भी आशीर्वाद प्राप्त होगा।

*गुरु पुष्य योग पर करें ये उपाय*

इस नक्षत्र के दौरान पीला नीलम धारण करना सर्वोत्तम माना गया है।

इस दिन स्तयनारायण पूजा और हवन अवश्य करना चाहिए।

लोग इस विशेष दिन पर श्री यंत्र पूजा और लक्ष्मी पूजा भी करते हैं।

लोगों को मंदिर जाकर केले के पेड़ के नीचे जल, चना दाल और गुड़ चढ़ाना चाहिए।

🌤️दिनांक 25जनवरी 2024

   *पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष, पौष*

🌤️तिथि पूर्णिमा 23:22:58

🌤️पक्ष शुक्ल

🌤️नक्षत्र पुनर्वसु 08:15:26

🌤️योग विश्कुम्भ 07:30:46

🌤️करण विष्टि भद्र 10:33:21

🌤️करण बव 23:22:58

🌤️वार गुरूवार

🌤️माह (अमावस्यांत) पौष

🌤️माह (पूर्णिमांत) पौष

🌤️चन्द्र राशि कर्क

🌤️सूर्य राशि मकर

🌤️ऋतु शिशिर

🌤️आयन उत्तरायण

🌤️संवत्सर शोभकृत

🌤️संवत्सर (उत्तर) पिंगल

🌤️विक्रम संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️शक संवत 1945 शक संवत

🌤️कलि संवत 5124 कलि संवत

🌞सूर्योदय 07:24:43

🌄 सूर्यास्त 18:04:06

👉🏻दिशाशूल दक्षिण

        🌞सूर्योदय

लग्न मकर 10°23′ , 280°23′

🌞सूर्य नक्षत्र श्रवण

🌙 चन्द्र नक्षत्र पुनर्वसु

       *पद, चरण*

4 ही पुनर्वसु 08:15:26

1 हु पुष्य 14:46:22

2 हे पुष्य 21:18:39

3 हो पुष्य 27:52:19*

 

               🌍मुहूर्त

राहू काल 14:04 – 15:24 अशुभ

यम घंटा 07:25 – 08:45 अशुभ

गुली काल 10:05 – 11:24

अभिजित 12:23 – 13:06 शुभ

दूर मुहूर्त 10:58 – 11:40 अशुभ

दूर मुहूर्त 15:14 – 15:56 अशुभ

वर्ज्यम 16:57 – 18:42 अशुभ

          🌞लग्न

  मकर 07:25 – 08:32

  कुम्भ 08:32 – 09:59

  मीन 09:59 – 11:24

  मेष 11:24 – 12:59

  वृषभ 12:59 – 14:55

  मिथुन 14:55 – 17:10

  कर्क 17:10 – 19:30

  सिंह 19:30 – 21:47

  कन्या 21:47 – 24:03*

  तुला 24:03* – 26:23*

  वृश्चिक 26:23* – 28:41*

  धनु 28:41* – 30:45*

  मकर 30:45* – 31:24*

     👉🏻चोघडिया, दिन

शुभ 07:25 – 08:45 शुभ

रोग 08:45 – 10:05 अशुभ

उद्वेग 10:05 – 11:24 अशुभ

चर 11:24 – 12:44 शुभ

लाभ 12:44 – 14:04 शुभ

अमृत 14:04 – 15:24 शुभ

काल 15:24 – 16:44 अशुभ

शुभ 16:44 – 18:04 शुभ

 

   🌞हिन्दू त्यौहार

     *वसंत पंचमी* 

14फरवरी 2024बुधवार

*ऐलनाबाद श्याम बाबा 50वा वार्षिकोत्सव*

1मार्च 2024 से 7मार्च2024 गुरुवार

     *महाशिवरात्रि*

8मार्च 2024 शुक्रवार

    *होलिका दहन*

24मार्च 2024 रविवार

       *होली(रंग)*

25मार्च2024 सोमवार

      *राम नवमी*

17 अप्रेल 2024 बुधवार

 *हनुमान जन्मोत्सव*(जयंती)

23अप्रेल 2024 मंगलवार

 

          👉🏻 *तारा*

28 अप्रेल 2024 से 5जुलाई 2024 तक

👉🏻 *25 जनवरी को लाख गुना पुण्य प्राप्ति का योग | माघ मास की महिमा*⤵️

🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷

➡ *25 जनवरी 2024 गुरुवार को सुबह 08:16 से 26 जनवरी सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*

🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*

*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |…… ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*

 

🌷 *माघ मास* 🌷

🙏🏻 *25 जनवरी से लेकर 24 फरवरी तक माघ स्नान (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार माघ मास दिनांक 10 फरवरी से) | माघ स्नान से बढ़कर पवित्र पाप नाशक दूसरा कोई व्रत नही है | एकादशी के व्रत की महिमा है, गंगा स्नान की महिमा है, लेकिन माघ मास में सभी तिथियाँ पर्व हैं, सभी तिथियाँ पूनम हैं | और माघ मास में सूर्योदय से थोड़ी देर पहले स्नान करना पाप नाशक और आरोग्य प्रद और प्रभाव बढ़ाने वाला है | पाप नाशनी उर्जा मिलने से बुद्धि शुद्ध होती है, इरादे सुंदर होते हैं |*

🙏🏻 *पद्म पुराण में ब्रह्म ऋषि भृगु कहते हैं की तप परम ध्यानं त्रेता याम जन्म तथाह | द्वापरे व् कलो दानं | माघ सर्व युगे शुच ||*

🙏🏻 *सत युग में तपस्या से उत्तम पद की प्राप्ति होती है, त्रेता में ज्ञान, द्वापर में भगवत पूजा से और कलियुग में दान सर्वोपरी माना गया है | दानं केवलं कलियुगे || परन्तु माघ स्नान तो सभी युगों में श्रेष्ठ माना गया है |*

🙏🏻 *सतयुग में सत्य की प्रधानता थी, त्रेता में तप की, द्वापर में यज्ञकी, कलियुग में दान की लेकिन माघ मास में स्नान की चारो युग में बड़ी भारी महिमा है | सभी दिन माघ मास में स्नान कर सकें तो बहुत अच्छा नहीं तो ३ दिन तो लगातार करना चाहिए | बीच में तो करें लेकिन आखरी ३ दिन तो जरूर करना चाहिए | माघ मास का इतना प्रभाव है कि सभी जल गंगा जल के तीर्थ पर्व के समान हैं |*

 🙏🏻 *पुष्कर, कुरुक्षेत्र, काशी, प्रयाग में १० वर्ष पवित्र शौच, संतोष आदि नियम पालने से जो फल मिलता है माघ मास में ३ दिन स्नान करने से वो मिल जाता है, खाली ३ दिन | माघ मास प्रात: स्नान सब कुछ देता है | आयु, आरोग्य, रूप, बल, सौभाग्य, सदाचरण देता है |*

 🙏🏻 *जिनके बच्चे सदाचरण से गिर गए हैं उनको भी पुचकारके, इनाम देकर भी बच्चो को स्नान कराओ तो बच्चों को समझाने से, मारने-पीटने से या और कुछ करने से उतना नहीं सुधर सकते हैं, घर से निकाल देने से भी इतना नहीं सुधरेंगे जितना माघ मास के स्नान से |*

🙏🏻 *तो सदआचरण, संतान वृद्धि, सत्संग, सत्य और उदार भाव आदि का प्रादितय होता है | व्यक्ति की सुदंरता उत्तम गुण*

 *समझ, उतम गुण से सम्पन होती है | नर्क का डर उसके लिए सदा के लिए खत्म हो जाता है | मरने के बाद फिर वो नर्क में नही जायेगा |*

 🙏🏻 *दरिद्रता और पाप दूर हो जायेंगे | दुर्भाग्य का कीचड नाश हो जायेगा | यत्न पूर्वक माघ स्नान, माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल होती है | मलिन विद्या क्या है ? कि पढ़-लिख के दूसरों को ठगों | दारू पियो, क्लबों में जाओ, बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड करो ये मलिन विद्या है | लेकिन निर्मल विद्या होगी तो ये पापाचरण में रूचि नही होगी |*

🙏🏻 *माघ प्रात: स्नान से विद्या निर्मल, कीर्ति बढ़ती है, आरोग्य और आयुष्य, अक्षय धन की प्राप्ति होती है | जो धन कभी नष्ट ना हो, वह अक्षय धन की भी प्राप्ति होती है | रुपये-पैसे तो छोड़के मरना पड़ता है, दूसरा अक्षय धन वो भी प्राप्त होता है | समस्त पापों से मुक्ति और इंद्र लोक की प्राप्ति सहज में हो जाती है अर्थात स्वर्ग लोक की प्राप्ति |*

 🙏🏻 *पद्म पुराण में वशिष्टजी भगवान कहते हैं, भगवान के गुरु, भगवान वशिष्टजी कहते हैं वैशाख में जल, अन्न दान उत्तम हैं | कार्तिक में तपस्या और पूजा, माघ में जप और होम दान उत्तम है |*

🙏🏻 *प्रिय वस्तु अर्थात रूचिकर वस्तु का त्याग करने से व्यक्ति वासनाओं की गुलामी के जंजाल को काटने का बल ले आता है | नियम पालन, पवित्र नियम पालने से अधर्म की जड़े कटती हैं | जो लोग तत्वज्ञान सुनते हैं लेकिन अधर्म करते रहते हैं तो तत्वज्ञान में रूचि नहीं होती, तत्वज्ञान उनको पचता नहीं है |* 

 🙏🏻 *मूर्ख हृदय न चेतिए यदपि गुरु मिले विरंची सम || ब्रह्माजी जैसा गुरु मिले लेकिन जिसको अधर्म में रूचि है वह फिर फिसल जाता है | मैं मिलियनर, बिलियनर, तिलियनर बनू | लेकिन वो सुसाईड करके मर गए कई मिलियनर, कई तिलियनर, बड़े-बड़े | तो बड़े धनाढ़्य थे, और उनकी बड़ी दुर्गति हुई | तो जिस वस्तु में आसक्ति है उस वस्तु को बल पूर्वक त्याग दे तो अधर्म की जड़े कटती हैं |*

 🙏🏻 *सकाम भावना से माघ महिने का स्नान करने वाले को मनोवांछित फल प्राप्त होता है लेकिन निष्काम भाव से कुछ नहीं चाहिए खाली भगवत प्रसन्नता, भगवत प्राप्ति के लिए माघ का स्नान करता है, तो उसको भगवत प्राप्ति में भी बहुत-बहुत आसानी होती है |*

 🙏🏻 *सामर्थ्य के अनुसार प्रति दिन हवन और १ बार भोजन करें माघ मास में | ३-३ बार खाना ये आध्यात्मिक जगत में और बच्चों के लिए ३-३ बार भोजन बुद्धि मोटी बना देगा | माघ मास में जरा नाश्ते से बच जाओ | २ टाईम भोजन करो | लिखा तो १ टाईम है लेकिन फिर भी २ टाईम कर सकते हैं |*

 🙏🏻 *माघ मास में पति-पत्नी के सम्पर्क से दूर रहने वाला व्यक्ति दीर्घ आयु वाला रहता है और सम्पर्क करने वाले की आयुष्य नाश होती है | भूमि पे शयन नहीं तो गद्दा हटाकर सादे बिस्तर पर, पलंग पर और समर्थ जितना हो धन में, विद्या में, जितना भी कमजोर हो, असमर्थ हो, उतना ही उसको बल पूर्वक माघ स्नान कर लेना चाहिए | तो धन में, बल में, विद्या में बढ़ेगा | माघ मास का स्नान असमर्थ को सामर्थ्य देता है, निर्धन को धन देता है, बीमार को आरोग्य देता है | पापी को पुण्य, निर्बल को बल देता है | माघ मास में तिल उबटन स्नान | मिक्सी में पिस जाते हैं थोडा पानी में घोल बनाकर शरीर को मलकर फिर तिल और जौ वो पुण्य स्नान है | उबटन स्नान, तर्पण, हवन और दान और भोजन, भोजन में भी थोडा तिल हो जाये | वो कष्ट निवारक है |*