*🙏🏻हरि कृपा एस्ट्रो🙏🏻*

*आज का हिंदू पंचांग*

     *जय श्री राम*

*🐍जय श्री हरिराम बाबा की🐍*

👉🏻 *चतुर्थी, कृष्ण पक्ष, माघ*

👉🏻 *संकष्टी चौथ व्रत पर्व*

🌤️दिनांक 29जनवरी 2024

🌤️तिथि चतुर्थी अहोरात्र

🌤️पक्ष कृष्ण

🌤️नक्षत्र पूर्व फाल्गुनी 18:56:07

🌤️योग शोभन 09:42:08

🌤️करण बव 19:31:16

🌤️वार सोमवार

🌤️माह (अमावस्यांत) पौष

🌤️माह (पूर्णिमांत) माघ

🌙चन्द्र राशि सिंह till 25:43:21*

🌙चन्द्र राशि कन्या from 25:43:21*

🌞सूर्य राशि मकर

🌤️ ऋतु शिशिर

🌤️आयन उत्तरायण

🌤️संवत्सर शोभकृत

🌤️संवत्सर (उत्तर) पिंगल

🌤️विक्रम संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत

🌤️शक संवत 1945 शक संवत

🌤️कलि संवत 5124 कलि संवत

🌞सूर्योदय 07:23:05 

🌄सूर्यास्त 18:07:2

👉🏻राहू काल 08:44 – 10:04 

👉🏻अभिजित 12:24 – 13:07

               👇🏻 सूर्योदय

लग्न *मकर* 14°26′ , 284°26′

🌞सूर्य नक्षत्र श्रवण

🌙 चन्द्र नक्षत्र पूर्व फालगुनी

      👇🏻👇🏻 पद, चरण

3 टी पूर्व फाल्गुनी 12:09:12

4 टू पूर्व फाल्गुनी 18:56:07

1 टे उत्तर फाल्गुनी 25:43:21*

 

        👇🏻👇🏻लग्न

  मकर 07:23 – 08:16

  कुम्भ 08:16 – 09:44

  मीन 09:44 – 11:08

  मेष 11:08 – 12:44

  वृषभ 12:44 – 14:40

  मिथुन 14:40 – 16:54

  कर्क 16:54 – 19:14

  सिंह 19:14 – 21:32

  कन्या 21:32 – 23:48

  तुला 23:48 – 26:07*

  वृश्चिक 26:07* – 28:25*

  धनु 28:25* – 30:30*

  मकर 30:30* – 31:23*

 

     👇🏻👇🏻👇🏻चोघडिया, दिन

*अमृत 07:23 – 08:44 शुभ*

काल 08:44 – 10:04 अशुभ

*शुभ 10:04 – 11:25 शुभ*

रोग 11:25 – 12:45 अशुभ

उद्वेग 12:45 – 14:06 अशुभ

*चर 14:06 – 15:26 शुभ*

*लाभ 15:26 – 16:47 शुभ*

*अमृत 16:47 – 18:07 शुभ*

 

🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷

👉 *29 जनवरी 2024 सोमवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 09:21:30)*  

🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*

🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*

🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*

 

‪🌷 *चतुर्थी‬ तिथि विशेष* 🌷

🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*

📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।* 

🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*

🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*

➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*

           

 

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷

🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*

👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*

🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*

🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*

🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*

🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*

🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*

🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*